निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु आमजन में गो सेवा की भावना जागृत करने के लिए 09अप्रेल2024 से चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 35 वें दिवस पर गोकथा में पधारे श्रोताओं को संबोधित करते हुए ग्वाल सन्त स्वामी गोपालानंद सरस्वती ने कहां कि जो भारत सोने की चिड़िया कहलाता था, जिसके तक्षशिला, नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों का पूरे विश्व में डंका बजता था, उस भारत की संस्कृति एवं परम्पराओं का मैकाले शिक्षा पद्धति के कारण से चीर हरण हो गया है क्योंकि प्राचीन समय में गुरुकुल व्यवस्था के कारण हमारी भावी पीढ़ी बचपन से लेकर युवावस्था की देहली पर चढ़ने से पूर्व भारतीय संस्कृति के अनुकूल अपना आचरण एवं व्यवहार करते थे और जिसमें सबसे बड़ी भूमिका भगवती गोमाता जी की थी क्योंकि गुरुकुल में पढ़ने वाला विद्यार्थी गोचारण के साथ गोमाता द्वारा प्रदाय पंच गव्य पान से तीक्ष्ण बुद्धि के साथ साथ स्वस्थ रहकर देश भक्ति एवं राष्ट्र निर्माण के भाव सीखकर ही गुरुकुल से बाहर जाकर उसके माध्यम से समाज में जन जागृति करते थे लेकिन जब से भारत में विदेशी आक्रांताओं का शासन हुआ है तब से कॉन्वेंट स्कूल शिक्षा पद्धति के माध्यम से मैकाले शिक्षा पद्धति द्वारा भारतीय संस्कृति का चीर हरण हुआ है ।
स्वामीजी ने बताया कि भारत के राजनेताओं ने एक षड्यंत्र के तहत जाति -पाती के जहर को देश में घोलकर सनातन धर्म को कमजोर किया है, जबकि जाति कर्म के आधार पर होती है और मनुष्य जाति से नहीं कर्मों से महान होता है । जाति व्यवस्था सुविधा के लिए है,भेद के लिए नहीं लेकिन देश को तोड़ने वाले षड्यंत्र कारियों ने आज सनातन धर्म को अनेक जातियों में बांटकर जाति धर्म के आधार पर देश को बांटने का षड्यंत्र चल रहा है ।
स्वामीजी ने कहां कि *जब हम एक ही भगवान की संतान है तो फिर काहें का भेदभाव । इसलिए आज सनातन समाज को संगठित एवं एकजुट होने की आवश्यकता है और उसका एक ही माध्यम है और वह है भगवती गोमाता की सेवा क्योंकि जहां जहां गोमाता की सेवा में कमी आई है वहां सनातन कमजोर हुआ है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण केरल, बंगाल जैसे वामपंथी राज्य है ,जहां गोमाता को सरे आम काटकर सनातनियों को चुनौती दे रहें है ।
स्वामीजी ने आगे बताया कि गैया का संग कर लो गोविंद मिलेंगे ही
35 वें दिवस पर चूनड़ी यात्रा आगर जिले की सुसनेर के ढोलाखेड़ी बालाजी ग्राम की ओर से :-
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 35 वें दिवस पर आगर जिले की सुसनेर के ढोलाखेड़ी बालाजी ग्राम के नरसिंह सरपंच,बालू सिंह, नारायण गोस्वामी,जगदीश गोस्वामी,,गणपत गोस्वामी,, कालू सिंह,कमल वैरागी,बालू सिंह,कमल सिंह गोपाल सिंह, कमल सिंह, एवं चेतन सिंह के नेतृत्त्व में डीजे एवं ढोल नगाड़ों के साथ सैंकड़ों युवा,एवं मातृशक्ति अभ्यारण्य परिसर से विशाल चुनरी यात्रा एवं गो भंडारा लेकर पधारे और कथा मंच पर पहुंचकर भगवती गोमाताजी को चुनरी ओढ़ाकर गोमाता का पूजन एवं आरती एवं कर पूज्य स्वामी गोपालानंद जी महाराज जी से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गोपूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा कर उसके बाद सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
