सादा जीवन उच्च विचार लेकर चलेंगे तो अंहकार खत्म हो जाएगा – स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज

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सुसनेर। मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन जी यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन वर्ष २०८१, से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा,श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर स्थित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें *एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 90 वे दिवस जगन्नाथ रथयात्रा के पुण्य दिवस पर श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहां कि हमारी परम्परा कितनी गौरवशाली है कि दो भाइयों के बीच बहिन विराजमान है और करोड़ो लोग इन दोनो भाई भगवान जगन्नाथ ,उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र एवं बहिन सुभद्रा के दर्शन करते है भगवान जगन्नाथ 07 दिन तक अपनी मौसी के यहां विराजते है । रथयात्रा संघे शक्ति कलियुगे का प्रतीक है यह हमें एकजुट होकर रहने का संदेश ।
स्वामीजी ने बताया कि भाई बहिन का रिश्ता साधारण रिश्ता नहीं है और श्रावण पूर्णिमा को बहिन द्वारा भाई के रक्षा सूत्र बांधने का दिवस आने वाला है । राखी का अर्थ प्रेम है ।एक बहिन भाई के लिए राखी लाई इसमें भाई का प्रेम व बहिन का आशीर्वाद बहिन छोटी हो या बड़ी लेकिन बहिन आशीर्वाद स्वरूप ही भाई को राखी बांधती है वह धागा बांधकर भगवान से प्रार्थना करती है कि भगवान मेरे भाई की रक्षा करना लेकिन आजकल उल्टा हो गया है यानि बहिन अपनी रक्षा के लिए भाई से मांग करती है। भाई बहिन का रिश्ता जैसे चांद आसमान का रिश्ता,पवन बादल के रिश्ते जैसा है यानि चांद ने कभी आसमान को नहीं छोड़ा उसी प्रकार हवाओं ने कभी बदलो को उड़ाना नही छोड़ा उसी प्रकार भाई बहिन का यह अटूट रिश्ता है जिसे भगवान कृष्ण एवं बलराम भैया भी अपनी बहिन सुभद्रा के साथ निभा रहें है ।
स्वामीजी ने आगे बताया कि दुनियां का सबसे बड़ा झगड़ा भोजन को लेकर है ,ये सब जीवन में अहम के कारण ही है, इसलिए अहम को त्याग दीजिए जीवन सुधर जाएगा। अर्थात सादा जीवन उच्च विचार लेकर चलेंगे तो अंहकार खत्म हो जाएगा । अंहकारी व्यक्ति गोसेवा करें तो उसे लौकिक सुख तो मिल सकता है लेकिन पारलौकिक सुख नहीं मिल सकता क्योंकि अंहकार के साथ निर्मलता चली जाती है और निर्मलता चली जाती है, अंहकार से हठ बढ़ता है, कामना बढ़ती है और फिर क्रोध बढ़ता है। और जीवन से प्रभु भी चले जाते है।

90 वें दिवस की गोकृपा कथा में बगलामुखी मंदिर उज्जैन के संत अजय बाबा,महाकौशल प्रान्त के सह गोसेवा प्रमुख रामकुशल पांडेय ( गोशाला संचालक सतना) , केशव पांडेय,जैविक खाद निर्माता,प्रदीप जैन गो शाला संचालक उज्जैन एवं उमा महेश्वर गोशाला पंचमुखी धार से मोहन दास वैष्णव,शंकर लाल प्रजापत,सुनील वैष्णव आदि ने भाग लिया और अजय महाराज ने सभी श्रोताओं से आह्वान किया कि आप सभी एक एक गोमाता की सेवा अपने घर पर करें और घर में सेवा करना संभव नहीं हो तो गो अभयारण्य में एक गोमाता के गोद चले जाएं ।

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Author: Dhenu News

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