सुसनेर। मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन जी यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन वर्ष २०८१, से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा,श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर स्थित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें *एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 91 वे दिवस पर श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए बताया कि जो घूमती हुई बीमार निराश्रित गोमाताओ की सेवा करें, चारा खिलाएं यानि भगवती गोमाता की हितपूर्वक सेवा करने वाला ब्रह्मलोक में जाता है । जिन्हें स्वर्ग, वैकुंठ चाहिए तो उन्हे गोसेवा करनी पड़ेगी क्योंकि बिना गोसेवा के पूजा पाठ फलित नहीं होगा और जब तक फलित नहीं होगा भजन कीर्तन फल नहीं देगा ।
स्वामीजी ने आगे कहा कि है मां हम तो चाहते है कि आने वाले दिनों में हर सनातनी के घर में गाय बन्ध जाएं और गोशाला वाले हाथ जोड़कर किसान के घरों में आए कि हमें गोशाला के लिए गाय दे दो। और हर गोशाला गो चिकित्सालय बन जाएं यही तमन्ना है ।
स्वामीजी ने आगे बताया कि गाय के बिना राष्ट्र रक्षा संभव नही है ये बात हम नहीं मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने कही है लेकिन राम के देश में आज प्रतिदिन 80.000 गोवंश रोज कट रहा है । जब भारत में एक विधान एक निशान है तो फिर देश में गोमाता के लिए अलग अलग राज्यों में दोहरा कानून क्यों है । कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक गोमाताओं के लिए देश में एक कानून बने क्योंकि * गायमाता नहीं बचेगी तो हिन्दुस्थान नहीं बचेगा* जिसकी आहट केरल व बंगाल से सुनाई दे रहीं है ।
स्वामीजी ने कहां कि जब एक सीता मां के लिए हनुमान जी ने लंका में आग लगा दी थी तो आज तो असंख्य गोमाताओ की तस्करी हो रहीं है इन तस्कर रूपी राक्षसों की लंका में भी आग लगाने की जरूरत है और मुझे मध्यप्रदेश के गो सेवक मुख्यमंत्री से तो आशा है कि वे मध्यप्रदेश के गो तस्करों के घरों में बुलडोजर चलाकर मध्यप्रदेश की धरा से गो तस्करों का नामोनिशान मिटाएंगे ताकि तस्कर मध्यप्रदेश की धरा पर रहने की न सोच सकें ।
स्वामीजी ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि मालवा की भूमि पर स्थापित एशिया के इस प्रथम गो अभयारण्य में गोमाता की संख्या बढ़ाने के लिए अनुमति दे ताकि मध्यप्रदेश की सड़को पर एक भी निराश्रित एवं बीमार गोवंश सड़कों पर नहीं भटके और इस अभयारण्य में सरकार संसाधन उपलब्ध कराएं तो एक लाख से अधिक गोवंश की मातृत्त्त भाव से इस अभयारण्य में सेवा हो सकती है।
91 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के झालावाड़ जिले की पिड़ावा तहसील से
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 91वें दिवस पर राजस्थान के झालावाड़ जिले की पिड़ावा तहसील के बाल्दा ग्राम से पूर्व प्रधान रामलाल,धारा सिंह, ईश्वर सिंह, ओम प्रकाश, सौदान सिंह, प्रताप सिंह, बद्री सिंह(सरपंच) के नेतृत्व में बालदा ग्राम की सैकड़ों मातृशक्ति अपने ग्राम की कुशहाली एवं जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं ,गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन, गो पुष्टि यज्ञ करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
