विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें *एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव* के 110 वे दिवस पर श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती महाराज ने बताया कि आज एक राष्ट्र के पुजारी का निर्वाण दिवस है अर्थात कुछ लोग ऐसे होते है जिनका कोई धर्म नही होता, राष्टधर्म ही उनकी पहचान होती है ,उसी को परिलक्षित करने वाले एक कर्मयोगी भारत रत्न अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम (डॉक्टर ए पी.जे.अब्दुल कलाम) जिन्हे दुनियां मिशाइलमेंन के नाम से जानती है,जिन्होंने भारत के रक्षा क्षेत्र को एक नई दिशा दी है । धर्म की सीमाओं में वे कभी नहीं बंधे और जहां *चाह होती है, वहां राह होती है* अर्थात जीवन में कुछ पाना है तो पुरुषार्थ करते रहना पड़ेगा क्योंकि जीवन में ऐसी कोई उम्र नहीं होती जहां ठहराव आ जाएं चलते रहो,चलते रहो, चलते रहो । जीवन में एक लक्ष्य बनालो,एक टारगेट बनालो कि मुझे वहां पहुंचना है उसी को चरितार्थ कर एक सामान्य गरीब नाविक परिवार का बालक अखबार बेचकर मिशाइलमेन भी बन सकता है,इसरो का चीफ़ भी बन सकता है और भारत के शीर्षपद राष्ट्रपति पद पर भी पहुंच सकता है तो फिर आप और हम क्यों नहीं पहुंच सकते इसलिए जीवन में एक लक्ष्य रखो,हमे छोटी जगह नही रुकना है ,हमें ऊंची उड़ान भरनी है । याद रखो उड़ान भरने के लिए पंख की जरूरत नही होती उड़ान भरने के लिए हौसलो की जरूरत होती है । हौसला जिसमें आ गया वह आसमान की उड़ान भर सकता है और उस हौसले के लिए जरूरी है भगवती गोमाता की सेवा क्योंकि डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम भी एक गो सेवक थे और जब वे पोकरण में परमाणु परीक्षण के निमित जब जब भी वहां आएं तब तब भादरिया की गोशाला में जहां 40 हजार गोमाता की सेवा होती है वहां गोमाता के मध्य जाकर उनकी सेवा करते थे ।
स्वामीजी ने आगे बताया कि जिस जिस राज्य में भगवती गोमाता का कोई बड़ा अनुष्ठान होता है उसके प्रभाव से वहां की सरकारों ने भगवती गोमाता के हितार्थ कुछ सदकार्य किए है जिसके उदाहरण राजस्थान ,गुजरात एवं मध्यप्रदेश की सरकारों का प्रत्यक्ष उदाहरण है यानि मध्य प्रदेश में विगत अक्टूबर को मध्यप्रदेश की उद्योग नगरी एवं मां अहिल्याबाई की पावन नगरी में गो श्रद्धा महामहोत्सव एवं अभी एशिया के इस प्रथम गो अभयारण्य में एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव रूपी भव्य कार्यक्रम चल रहा है , जिसके परिणाम स्वरूप मध्यप्रदेश के गो सेवक यशस्वी मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के गोवंश के लिए 20 रूपए की जगह 40 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से देने का निर्णय किया है और अब हर दश गोवंश रखने पर गोपालक को विशेष अनुदान देने की योजना राज्य सरकार बना रही है ।
स्वामीजी ने देश के कावड़ यात्रियों से आह्वान किया कि भगवान शंकर एक जिन्हें वृषभ ध्वज भी कहते है अर्थात जिनके सम्मुख एवं ध्वजा पर साक्षात धर्म रूपी नन्दी विराजमान है वह नन्दी भगवान एवं उनकी माताएं भगवती गोमाता आज दर दर की ठोकरें खा रही है इसलिए देशभर के सभी कावड़ यात्रियों को एक विशाल कावड़ यात्रा देश की राजधानी दिल्ली में निकालनी होगी और संसद के बाहर शिवलिंग स्थापित कर कावड़ का जल उन पर चढ़ाना होगा ताकि भगवान महादेव भारत के राजनेताओं को सद्बुद्धि दे जिससे वे भगवती गोमाता की हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा सके और गोमाता को राष्ट्रमाता के रूप में स्थापित हो ऐसा निर्णय भारत सरकार ले इसके लिए शिव भक्तो को अपने आराध्य के वाहन नंदी भगवान एवं उनके वंश की रक्षा के लिए दबाव बनाने की जरूरत है।
स्वामीजी ने बताया कि मध्यप्रदेश में जब उमाभारती जी मुख्यमंत्री थी तब मध्यप्रदेश की जेलों में गोसेवा होती थी । *जेलों में गोशाला स्थापित होने से वहां रह रहें अपराधियों में गोसेवा के कारण अपराध की प्रवृति कम होगी यानि गोसेवा के माध्यम से कैदियों में तमोगुण को समाप्त कर सतोगुण लाया जा सकता है , इसलिए मध्यप्रदेश शासन पुनः प्रदेश की हर जेल (कारागार) में एक गोशाला स्थापित करें*।
*110 वे दिवस पर एन.डी.डी.बी. मृदा आनंद (गुजरात) के निदेशक श्री संदीप भारती व प्रबंधक श्री कुंज बिहारी एवं रासबिहारी गोशाला ढाकनी(गरोठ) से श्री नारायण सिंह (सरपंच) , बलवंत सिंह,एवं कृपाल सिंह अतिथि के रूप में उपस्थित रहें*
*श्रावण मास के षष्टम दिवस पर शिवसहस्त्राहुती यज्ञ ,पार्थिव शिव लिंग पूजन एवं रुद्राभिषेक (Dhenu TV) धेनु टीवी के निदेशक अजमेर जिले के ब्यावर नगर के निवासी श्री अजीत शर्मा ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती सीमा जी के साथ किया*
*110 वे दिवस पर चुनरी यात्रा महाराष्ट्र के अहिल्या नगर एवं मध्यप्रदेश के आगर जिले से*
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 110 वें दिवस पर महाराष्ट्र के अहिल्या नगर से धनंजय मोकाशे, सन्तोष सुरवसे, संकेत कोलपकर एवं योगेश राजे व मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले की सुसनेर तहसील के सारसी ग्राम से मांगू सिंह,रामलाल, धर्मेन्द्र सिंह, राजेन्द्र सिंह, सौदान सिंह,जीवन सिंह, तवर सिंह एवं भोमर सिंह अपने ग्राम के युवा, एवं मातृशक्ति के साथ अपने नगर, ग्राम के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।